Thursday, June 3, 2010

भारतीय परंपरा का निर्वाह करती हमारी टीम इण्डिया



कहते हैं कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता की विश्व में एक अलग ही पहचान है। हमारा देश अनेकता में एकता का देश है। इस परंपरा का निर्वाह फिलहाल हमारे भारतीय टीम के खिलाडी कर रहे हैं। अच्छे-अच्छे महारथी टीम को पछाड देने वाली हमारी भारतीय टीम को एक कमजोर माने जाने वाली टीम से शिकस्त का सामना करना पड रहा है। इसे अन्यथा ने लें और न ही हमारे टीम की खिलाडियों की योग्यता को कम करके आंका जाना चाहिए। वो तो बस हमारे भारतीय परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं। हमारी परंपरा 'अपने से कमजारे को मत सताओ, न ही उसका शोषण करो।' इसी रास्ते पर हमारी भारतीय टीम भी चल रही है। वैसे भी गांधी जी की 'करो या मरो' का नारा का निर्वहन हमारे भारतीय खिलाडी ही तो सबसे ज्यादा करते आए हैं। हमारी टीम इंडिया जब तक किसी भी मैच में करो या मरो की स्थिति उत्पन्न न कर दें, तब तक उन्हें खेल का मजा ही नहीं आता। इधर मीडिया वाले भी लगातार हमारी टीम इंडिया के खिलाडियों की हौसला अफजाई करने से नहीं चूकते। ऐसी स्थिति में हर चैनल में एंकर यही बोलते नजर आते हैं। 'आज का मैच टीम इंडिया के लिए करो या मरो जैसा है।' गांधी जी जहां कहीं भी होंगे, उनका दिल बाग-बाग हो जाता होगा। गर्व से सिर ऊंचा हो जाता होगा। तो गर्व से कहो हम भारतीय हैं।

2 comments:

  1. सुनील आपकी वाणी बिलकुल ही सही कह रही है.
    हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं ई-गुरु राजीव हार्दिक स्वागत करता हूँ.

    मेरी इच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए. यह ब्लॉग प्रेरणादायी और लोकप्रिय बने.

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  2. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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