Monday, October 4, 2010

अतुलनीय भारत, अतुलनीय दम

(सुनील)
राष्ट्रमंडल खेलों का इतना शानदार आगाज देखकर न केवल भारत के लोग बल्कि दुनिया के लोगों ने भी दांतों तले अंगुलियां दबा लीं। इस खेल ने भारत विरोधी देशों को न केवल करारा जवाब दिया बल्कि उन्हें सोचने पर भी मजबूर कर दिया कि भारत सचमुच अतुलनीय देश है जिससे लोहा लेना इतना आसान नहीं है। राष्ट्रमंडल खेलों के इतने शानदार उद्धाटन ने दिल में इतनी खुशियां भर दी है कि बोलती बंद हो गई। इसलिए चंद शब्दों में ही अपनी बातों को बया कर रहा हूँ -

• सबके जुबान पे लगा ताला, राष्ट्रमंडल खेल आला रे आला
• पूरी दुनिया ने देखा भारत का दमखम, इसलिए हम भी जोश में बातें कर होश में
• खेलों के जरिए भारत का विश्व में बढा रूतबा
• भारत का दम देखकर हुआ विश्व का होश गुम
• हुई दिल्ली की शादी, पूरी दुनिया बनी बाराती
• रंगों में नहाया दिल्ली, विरोधी बने भीगी बिल्ली
• दिल्ली के स्टेडियम में पूरी दुनिया सिमटी
• दिल्ली बना पूरे विश्व का दिल
• वेशभूषा और भारतीय संस्कृति को देख लोगों ने कहा इसलिए कहतें है भारत को अनेकता में एकता वाला देश
• चला रंगों का जादू, दर्शक हुए मुग्ध
• हर धर्मों का एक घर, हमारा हिंदुस्तान
• बातों से नहीं काम से जवाब दिया बोलने वालों को
• जमा रंग, दुनिया दंग
• देश की संस्कृति के रंग बिखरे, विदेशी सराबोर
• ऐसे महान भारत की जय हो, जय हो, जय हो......

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