(सुनील) www.sunilvaniblogspot.com
प्याज को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की चुस्ती-फुर्ती देखकर मन गदगद हो गया। आनन- फानन में 400 सरकारी केंद्रों पर प्याज की ब्रिकी भी शुरू कर दी गई। लेकिन दिल्ली सरकार का यह कदम मन में एक डर पैदा कर रहा है। सुना है दिल्ली सरकार के हाथों में गजब का कमाल है, जिस चीज को वो बेचने का निर्णय कर लेती है, वो आम से खास हो जाती है और यही मेरे डर का कारण है। इस बात की चिंता मुझे लगातार सताए जा रही है कि प्याज भी कहीं खास न बन जाए और आम लोगों से दूर होकर केवल खास-खास थालियों में ही न दिखने लगे। पहले तो रोटी-दाल से हाथ धो लिया, अब ऐसा न हो कि रोटी-प्याज-नमक से भी हाथ धोना पडे। बडे-बूढे कहते हैं कि हमारी दिल्ली सरकार बहुत ही खास है। पहले आटा बेचना शुरू किया तो आटा महंगा हो गया, उसके बाद दाल बेचना शुरू किया तो लोगों की थालियों से दाल गायब हो गई। अब प्याज बेच रही है तो आम लोगों के किचन में बचेगा क्या। यही नहीं इनके नक्शे कदम पर डेयरीवाले भी हैं। जिन डेयरियों पर इन्हें बेचने का निर्णय किया जाता है वहां रातों-रात दूध महंगा हो जाता है। सरकारी केंद्रों पर सरकार द्वारा 40 रुपए प्याज बेचा जाना, क्या इस कीमत को सस्ता कहा जा सकता है और यदि नहीं तो हम सब सरकार के इस कदम को वाह-वाही क्यों दे रहे हैं। मातम मनाओ कि अब जल्द ही प्याज भी चंदा मामा जैसी दूर की चीज हो जायेंगे।
Thursday, December 23, 2010
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प्याज़ के होते हैं हाथ
ReplyDeleteया हाथों में होती है प्याज़
कैसे समझें यह राज
आप ही बतला रहे हैं आज