Thursday, January 6, 2011

तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है

(सुनील) www.sunilvani.blogspot.com 7827829555


ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है
की तू जब चाहता है तब खाता है
और हमें जब मिल जाय तब खाते हैं.
ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है
की तू वो परिधान पहनता है,
जिसमे एक भी पैबंद न हो
और हम वो वस्त्र पहनते हैं
जिसमे दो-चार पैबंद न हो.
ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है
की तेरे पांव जमीन पे नहीं पड़ते
और हम मीलों यूँ ही निकल जाते हैं.
ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है
की तू अपने बूढ़े माँ बाप को ओल्ड एज होम में रखता है
और हम आज भी अपने रोम रोम में
ऐ दोस्त तेरे और मेरे में बस इतना फर्क है......

3 comments:

  1. एक माता पिता को ओल्ड एज होम में रखता है , दूजा दिल में
    बहुत फर्क है दोस्त -दोस्त में...!

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  2. मूल्यों का अंतर स्पष्ट है!

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  3. तू अपने बूढ़े माँ बाप को ओल्ड एज होम में रखता है
    और हम आज भी अपने रोम रोम में
    aaj ka kadwa sach.

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